दीपावली कब है। कब और किस दिन मनाया जाता है। 2024 मे दिवाली कब है। Diwali Date And Time कब और कैसे मनाने वाले है। दिवाली जानिए सभी जानकारी इस लेख मे?
दीपावली से सीखे
दीपावली बुराई पर अछाई की जीत है दिवाली से हम यह सीखते है की बुराई कितनी भी भैंकर क्यों न हो जीत हमेशा अछाई की होती है हम दिवाली हर साल मनाते है यह सोच कर की बुराई पर अछाई की जीत होती है लेकिन सोचने बाली बात यह है की आज के टाइम मैं बुराई कोन करता है आप अपनी नजर घूमा के देखोगे तब आपको पता चलेगा इंसान ही है जो यह सब कर रहा है अपने सवार्थ के लिए
दीपावली का महत्व
इस लेख मे आपको सभी जानकारी मिलने वाले है।
दीपावली, जिसे हम सभी भारत बासी दिवाली के नाम से जानते हैं, दिवली मैं सभी लोग बहुत खुश रहते है वो सभी लोग पूरे साल भर दिवाली का इंतजार करते है दिवाली भारत का सबसे महत्वपूर्ण और मनमोहक त्योहार है। जिसे हम बहुत धूम धाम से मनाते है दीपावली पूरे भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में भारतीय समुदाय के जो लोग है उसके द्वारा बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, दीपावली मुख्य रूप से लक्ष्मी पूजा और बुराई पर अच्छाई का विजय ध्वज लहराने का प्रतीक है।
दीपावली धार्मिक महत्व इसके बारे कुछ खास बाते
दीपावली का महत्व बहुत ही गहरा है। जब भगवान राम अयोध्या लोटे थे तब राम के आने की खुशी में इसे मनाया जाता है। जब भगवान राम 14 वर्षों का वनवास काट के अयोध्या लौटे, रहे थे तब अयोध्या के नगरवासियों ने उनके आने के स्वागत मैं अयोध्या के सभी घरों मैं दीप जलाए थे। इसीलिए, दीपावली को दीपों का त्योहार भी कहा जाता है।
दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी, माँ जो की समृद्धि, धन और सुख-शांति की देवी हैं, उनका पूजन किया जाता है। मान्यता है कि उस दिन देवी माँ लक्ष्मी अपने भक्तों के घर पर आती हैं, इसलिए लोग अपने घर को साफ सुथरा और सजाकर माँ लक्ष्मी जी का स्वागत करते हैं। इसके अलावा, इस दिन भगवान गणेश जी का भी पूजन किया जाता है, जिसे हम विघ्नहर्ता कहते हैं।
दीपावली सांस्कृतिक महत्व
दीपावली केवल धार्मिक पर्व ही नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का एक बहुत ही अच्छा हिस्सा है। दीपावली परिवार और दोस्तों के बीच प्यार और एकता का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सभी लोग एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएँ देते हैं और मिठाइयाँ बांटते हैं और पटाखे जलाते हैं।
दीपावली के दिन सभी दीपावली मनाने बाले अपने घर को अच्छे से साफ सफाई करते है ये गतिविधियाँ न केवल घर को रोशन करती हैं, बल्कि परिवार के सभी सदस्यों के बीच सहयोग और एकता की भावना को भी बढ़ावा देती हैं।
दीपावली सामाजिक महत्व
दीपावली उस तरीके का पर्व है जो समाज में एकता और सामंजस्य की भावना को मजबूत करता है। इस अवसर पर लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, रिश्ते मजबूत होता हैं और पुरानी चीजे भुलाकर नए सिरे से शुरुआत करते हैं।
दीपावली के दिन जरूरतमंदों की मदद करने का भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। लोग गरीबों को दान करते हैं, और सामाजिक जिम्मेदारी का अहसास कराता है। दीपावली के दौरान कई लोग गरीबों को कपड़े, खाने की चीजें, और अन्य वस्त्र दान करते हैं। इससे समाज में एकता और समर्पण की भावना का संचार होता है।
- पर्यावरणीय महत्व
हाल के वर्षों में दीपावली के पर्व पर पर्यावरण संरक्षण की बात भी उठने लगी है। पटाखों के प्रदूषण और उनकी दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। अब लोग सजावटी दीपों और बायो-डिग्रेडेबल सामग्रियों का उपयोग कर रहे हैं। यह पहल न केवल त्योहार की खुशी को बढ़ाती है, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान देती है।
निष्कर्ष
दीपावली का पर्व केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतीक है। यह भक्ति, परिवार, एकता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को दर्शाता है। यह एक ऐसा अवसर है जो हमारे अपने जीवन की सकारात्मकता को आगे बढ़ाते हैं और दूसरों के साथ खुशियाँ बाँटते हैं।
दीपावली हमें यह सिखाती है कि चाहे कितनी भी कठिनाई आए, हमें हमेशा अच्छाई की राह पर चलना चाहिए और दूसरों के साथ मिलकर खुशियाँ मनानी चाहिए।
इस दीपावली पर, आइए हम सब मिलकर अपने जीवन को उज्जवल बनाएं और समाज में प्रेम, करुणा और एकता का संदेश फैलाएं।
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