अगस्त 2024 में रक्षा बंधन कब है। 2024 me Raksha Bandhan Kab hai । अगस्त 2024 में किस दिन हैं। राखी पावन पर्व
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!आप सभी यह जानते हैं। की यह त्योहार हिंदू धर्म का कितना बड़ा पर्व हैं। इस त्योहार को बहुत ही अच्छे से और बहुत ही सही तरीका मनाते हैं। यह पर्व भाई बहन का बहुत अदभुत त्योहार माना जाता है।2024 me Raksha Bandhan Kab hai यह पावन पर्व 2024 में 19 अगस्त को मनाया जाएगा किस दिन हैं राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सही टाइम सभी जानकारी आपको मिलने वाले हैं। इस पोस्ट के नीचे
2024 में रक्षा बंधन कब है। Raksha Bandhan Kab hai
इस लेख मे आपको सभी जानकारी मिलने वाले है।
- 1 2024 में रक्षा बंधन कब है। Raksha Bandhan Kab hai
- 2 2024 में रक्षा बंधन कब है। रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त डेट और टाईम
- 3 रक्षा बंधन क्यों मानते हैं।
- 4 रक्षा बंधन का महत्व
- 4.1 रक्षा बंधन कब मनाया जाता है?
- 4.2 रक्षा बंधन का क्या महत्व है?
- 4.3 रक्षा बंधन के दिन क्या-क्या करते हैं?
- 4.4 रक्षा बंधन के पौराणिक कथानक क्या हैं?
- 4.5 क्या केवल सगे भाई-बहन ही रक्षा बंधन मना सकते हैं?
- 4.6 क्या रक्षा बंधन केवल हिंदू धर्म में ही मनाया जाता है?
- 4.7 राखी कैसे तैयार की जाती है?
- 4.8 रक्षा बंधन के उपहार क्या हो सकते हैं?
हिंदू धर्म में धर्म में रक्षाबंधन को खास पर्व के रूप में माना जाता है। Rakshabandhan भाई बहन का प्यार का प्रीतिक हैं। इस त्योहार को हर साल सावन महिने में पूर्णिमा दिन को मान्या जाता है। इस खास दिन को सबसे ज्यादा बहनों को इन्तजार रहता है। ताकी अपने भाई के हाथों में रखी बांध सके इस त्योहार हार को पूरे भारत में हर गांव और शहर में मनाया जाता है।2024 में 19 अगस्त को मनाया जायेगा रक्षाबंधन
2024 में रक्षा बंधन कब है। रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त डेट और टाईम
- आप सभी यह जानते हैं।की हिंदू पंचांग के कुंडली में बोल रहे हैं। की इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 2024 में सोमवार 19 अगस्त को मनाया जायेगा ।
- राखी बांधने का सही समय दोपहर 1:30 से लेकर रात 9:8 मिंट तक रहेगा।
- 3 रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त धागा बांधने का टाइम दोपहर 01:43 बजे से लेकर साम 4:20 तक का हैं।
- प्रदोष समय रक्षाबंधन मुहूर्त- शाम 06.56 बजे से लेकर रात 09:08 बजे तक है।
- रक्षाबंधन भद्रा समाप्ति- दोपहर 01.30 बजे तक का हैं।
- रक्षाबंधन भद्रा पुंछा- सुबह 09.51 बजे से लेकर सुबह 10.53 बजे तक
- रक्षाबंधन भद्रा मुख- सुबह 10.53 बजे से लेकर दोपहर 12.37 बजे तक
- पूर्णिमा तिथि- 19 अगस्त 2024 की सुबह 03.04 बजे से लेकर रात में 11.55 बजे तक का हैं।
रक्षा बंधन क्यों मानते हैं।
आप सभी जानते हैं। की हम सभी भारत वासी ज्यादातर अपने पूर्व ग्रथों पर बहुत विश्वास करते हैं। यह बोले जाते है। की हम सभी के पूर्वज के समय से ही रक्षाबंधन का सही से प्राचीन काल से किया गया है। हिंदू धर्म के ग्रंथ के अनुसार यह एक सबसे प्रचलित और प्रसिद्ध कथा है। बोले जाते हैं। की महाभारत के दौरान भगवान श्री कृष्ण को उंगली में चोट या उंगली काट गया तो खून बंद होनी का नाम ही नहि ले रहे थे। तो द्रोपति ने भगवन श्री कृष्ण के खून रोकने के लिए अपना 🥻🥻🥻 सारी के अचरा को फार कर के उंगली को बांध दिया था। फिर भगवन श्री कृष्ण ने उसी समय वचन दिया कि आज से हम तुम्हार रक्षा करने का वचन देते हैं। वही से राखी बांधने का सिल सिला शुरू हुआ है।
रक्षा बंधन का महत्व
रक्षा बंधन हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भाई-बहन के रिश्ते को सम्मानित करता है। इसे ‘राखी’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं। भाई बदले में अपनी बहनों की रक्षा करने का वादा करते हैं और उन्हें उपहार देते हैं।2024 में रक्षा बंधन कब है
रक्षा बंधन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है:
- भाई-बहन का प्रेम: यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम और बंधन का प्रतीक है।
- सामाजिक एकता: यह त्योहार परिवार और समाज में एकता और प्रेम की भावना को बढ़ावा देता है।
- धार्मिक महत्व: धार्मिक कथाओं में रक्षा बंधन का उल्लेख मिलता है, जिसमें भगवान इंद्र की पत्नी शची ने इंद्र की कलाई पर राखी बांधी थी जिससे उन्हें शक्ति मिली।
- संस्कृति और परंपरा: यह त्योहार भारतीय संस्कृति और परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है और पीढ़ियों से मनाया जाता आ रहा है।2024 में रक्षा बंधन कब है । बहुत खास होने वाले है। यह त्योहार
FAQ
रक्षा बंधन कब मनाया जाता है?
रक्षा बंधन श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त माह में आता है।
रक्षा बंधन का क्या महत्व है?
रक्षा बंधन भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के बंधन का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी खुशहाली की कामना करती हैं, जबकि भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
रक्षा बंधन के दिन क्या-क्या करते हैं?
इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, तिलक करती हैं और मिठाई खिलाती हैं। भाई बहनों को उपहार देते हैं और उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं।
रक्षा बंधन के पौराणिक कथानक क्या हैं?
एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान इंद्र की पत्नी शची ने इंद्र की कलाई पर रक्षा धागा बांधा था जिससे इंद्र को शक्ति मिली और वे युद्ध में विजयी हुए। इसके अलावा, भगवान कृष्ण और द्रौपदी की कथा भी प्रसिद्ध है जिसमें कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया था।
क्या केवल सगे भाई-बहन ही रक्षा बंधन मना सकते हैं?
नहीं, रक्षा बंधन केवल सगे भाई-बहनों के लिए ही नहीं है। इसे चचेरे, ममेरे, फुफेरे और मित्रों के बीच भी मनाया जा सकता है, जो भाई-बहन के समान संबंध रखते हैं।
क्या रक्षा बंधन केवल हिंदू धर्म में ही मनाया जाता है?
रक्षा बंधन मुख्यतः हिंदू धर्म का त्योहार है, लेकिन इसे भारत के अन्य समुदायों और धर्मों के लोग भी मनाते हैं। यह त्योहार भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
राखी कैसे तैयार की जाती है?
राखी विभिन्न प्रकार की हो सकती है। पारंपरिक रूप से इसे रेशम के धागे, सोने-चांदी के धागे और मनकों से बनाया जाता है। आजकल बाजार में विभिन्न डिजाइन और सामग्रियों की राखियाँ उपलब्ध हैं।
रक्षा बंधन के उपहार क्या हो सकते हैं?
रक्षा बंधन के उपहारों में चॉकलेट, मिठाई, कपड़े, गहने, किताबें, और व्यक्तिगत चीजें शामिल हो सकती हैं। उपहार का चुनाव बहन की पसंद के आधार पर किया जाता है।