राम मंदिर उद्घाटन समारोह 22/जनवरी/2024 को उद्घाटन कर के सभी विधि विधान के साथ मंदिर को राम भक्त के दर्शन करने के लिए द्वार को पूर्ण तरीके से खोल देंगे। इस मंदिर का सुभ मूहर्त 12 बजे से लेकर 30 मिंट के बिच में है।
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राम मंदिर उद्घाटन समारोह का समय कब से कब तक है =>
उतर प्रदेश में बन रहे राम मंदिर अब पूरी तरीके से समारोह के लिए त्यार हो चुके हैं । अयोध्या के भव्य राम मंदिर उद्घाटन समारोह आयोजित (jay shree ram mandir pran pratishtha) का समय तय हो चुका है इस शुभ कार्य के लिए 22/जनवरी/2024 को आयोजित किया गया है, समारोह का टाइम 12 बज का 29 मिंट में तय किया गया है अभिजीत मुहूर्त में राम लला का मूर्ति को मंदिर में बैठाएंगे सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि इस शुभ अवसर पर राम भगवान को प्राण प्रतिष्ठा कि जाएगी यह चल रहे बैठक से यह पता चला है की देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी सामिल होंगे और उप के प्रधान मंत्री योगी आदित्यनाथ भी सामिल होंगे और देश के सभी सेली ब्रेट भी आने वाले हैं इस कि तयारी एक हफ्ते पहले से कर दिया गया है।
इस लेख मे आपको सभी जानकारी मिलने वाले है।
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)=>
=>माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी 22/जनवरी को अयोध्या राम लला के भव्य स्वागत और उद्घाटन समारोह में शामिल होने वाले हैं, मोदी जी अपने विषेश विमान से अयोध्या पहुंचेंगे 12 बज कर 5 मिंट पर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्य क्रम में सामिल होंगे 1 बजे अयोध्या वासियों के साथ सार्वजनिक कार्य क्रम में सामिल होंगे 2:30 बजे कुबेर टीला इसतीथ शिव मंदिर पहुंचेंगे,3: बजे एक मीटिंग में सामिल होंगे और फिर 3:30 बजे अपने विमान से वापस लौट जायेंगे।
राम भगवान कि रचा इतिहास (Ram bhagvan)= >
**राम: एक अद्वितीय और प्रेरणादायक कथा**
राम, हिन्दू धर्म के एक प्रमुख आदर्श पुरुष, भगवान और मानवता के प्रति समर्पितता के प्रतीक माने जाते हैं। उनकी कथा, जिसे ‘रामायण’ कहा जाता है, एक पूरे समृद्धि, आदर्शता, और सेवा की भावना से भरी हुई है। इस लेख में, हम राम भगवान के जीवन और कथा की अद्वितीयता पर विचार करेंगे।
**आरंभ:**
राम, भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में, अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र थे। उनका जन्म एक विशेष रीति में हुआ था और उन्होंने बचपन से ही अपने आदर्शों के साथ अपने परिवार और समाज की सेवा में जुट जाने का आलस्य नहीं किया।
**बाल्यकाण्ड:**
राम की बाल्यकाण्ड में उनके विद्याभ्यास, धर्मिक शिक्षा, और धरोहर के साथ उनकी अद्वितीय गुणवत्ता पर बल डाला गया है। उनके भ्राता लक्ष्मण और भगवान हनुमान के साथ राम के अनगिनत लीलाएं भी इस कांड में उजागर होती हैं।
**अयोध्याकाण्ड:**
राम का अयोध्या से वनवास जाना, राजा दशरथ की मृत्यु और उनके पत्नी सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास में जाना रामायण के इस कांड में विविध परिपेक्ष्य से दर्शाया गया है।
**अरण्यकाण्ड:**
अरण्यकाण्ड में, राम, सीता, और लक्ष्मण का वनवास अज्ञातवास में बदल जाता है, जिसका परिणामस्वरूप सीता का अपहरण होता है। राम और लक्ष्मण की मेहनत और हनुमान जैसे भक्त की सहायता से राक्षस राजा रावण का वध किया जाता है और सीता को मुक्ति प्राप्त होती है।
**किष्किंधाकाण्ड:**
राम की विजय के बाद, उन्होंने वानर सेना के साथ मिलकर लंका से वापसी की यात्रा की, जिसे ‘किष्किंधाकाण्ड’ कहा जाता है। इसके बाद, राम की अयोध्या में वापसी और उनकी राज्याभिषेक की कथा उतराखंड में आती है।
**धार्मिक और सामाजिक संदेश:**
रामायण, राम की कथा, निष्ठा, आदर्श और धर्म की महत्वपूर्ण सिखों का प्रसार करती है। यह धरती पर भगवान के साथी के रूप में उनकी पूजा है।
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