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3 idiots movie ki kahani
“3 इडियट्स” एक मनोहास्य फिल्म है जो तीन दोस्तों – रंचो, राजू, और फरहान की कहानी है। इन तीनों का सपना है कि वे अपने दिल की बात सुनकर, खुद के सपनों की पुर्ति करें। रंचो, जो शिक्षा के मामले में अनूठा है, विद्यार्थी जीवन को हरित करने का दृष्टिकोण लाता है।
यात्रा में, तीनों का हास्यपूर्ण संघर्ष और अनुभवों से भरा होता है। रंचो की आत्मविश्वासी बनाने वाली मुलाकातें और अनुसंधानों के माध्यम से, वे अपने सपनों की पूर्ति की तरफ बढ़ते हैं। दोस्तों की यह जरूरत महत्वपूर्ण होती है जब वे एक दूसरे को समर्थन और प्रेरणा प्रदान करते हैं।
फिल्म में उत्कृष्टता, मित्रता, और सपनों की पूर्ति की महत्वपूर्णता को उजागर करती है, जो दर्शकों को मनोबल और सोचने पर मजबूर करती है। “3 इडियट्स” ने शिक्षा के प्रति नए दृष्टिकोण की बात की और साथ ही दोस्तों के संबंधों को महत्वपूर्णता दी।
2,दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995):
राज और सिमरन की बेहद समस्त प्रेम कहानी, जिसमें एक देश से दूसरे तक का सफर होता है, DDLJ है प्यार, परिवार और 90s का सबसे आइकॉनिक जोड़ी का मेल है
दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे की कुछ कानिया
“दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे” एक प्रेम कथा है जो एक सामान्य युवा राज और सिमरन के बीच बनती है। राज, जो हिंदुस्तानी नृत्य के शौकीन हैं, एक यात्रा के दौरान सिमरन से मिलते हैं और उसके साथ एक अजीबोगरीब कनेक्शन महसूस करते हैं।
सिमरन का अच्छूत विरासत, उसके पिताजी बालदेव सिंह की मजबूती से जुड़ा हुआ है, जिसे वह उसे सोहने के बाद दिखा सकते हैं। लेकिन, राज और सिमरन की मोहब्बत ओटों में चलती है जब वे भारत से पाकिस्तान की यात्रा पर निकलते हैं, बिना किसी को बताए।
कहानी में सफलता की राह में आने वाली बहुत सी कठिनाइयों के बावजूद, राज और सिमरन को अपने प्यार को साकार करने का मौका मिलता है। दृश्यबद्ध, रोमांटिक और हास्यपूर्ण, यह कहानी एक प्यार भरे सफर को दर्शाती है, जो दिलों को छू लेती है।
3=>पीके (2014):
एक अनजान एलियन की धरती पर छा गई मुसीबतें, और उसकी यात्रा धर्म और इंसानियत के सवाल उठाने में। आमिर खान की अद्भुत अद्भुत अद्भुत प्रदर्शन
पीके फिल्म की कहानी लिखत
“पीके” एक आद्भुत कॉमेडी-ड्रामा फिल्म है जिसमें एक अनोखे विचारधारा वाले एक आदमी, पीके, की कहानी है। पीके एक अन्यत्र ग्रह से आया हुआ एक निर्वाचन है जो मानव समाज की विभिन्नता और दृष्टिकोण को प्रतिष्ठानित करता है।
फिल्म में पीके को यहां आने के बाद समाज में स्थान प्राप्त करने की कोशिशों का सामना करना पड़ता है। उसकी अनूठी भाषा और विचारधारा लोगों को हंसी में डालते हैं, लेकिन उसे समाज में स्थान प्राप्त करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
पीके की अनोखी यात्रा ने दर्शकों को मुस्कान में डाला और सोचने पर मजबूर किया कि हमारे समाज में स्वीकृति और प्रेम की महत्वपूर्णता क्या है। फिल्म ने सामाजिक समस्याओं और धार्मिक अनूठापन को हंसी के माध्यम से प्रस्तुत किया और दर्शकों को एक सोचने पर मजबूर किया।
4# कुछ कुछ होता है (1998)राहुल, अंजली और टीना का कॉलेज से लेकर प्रौद्योगिकी तक का प्यार भरा सफर। करण जौहर के निर्देशन में, यह फिल्म भावनाओं का मिश्रण, दोस्ती का जादू है
कुछ कुछ होता है” एक प्रेम कहानी है जिसमें राहुल, अन्जली और टीना के तीनों का प्यार और दोस्ती का सफर है। राहुल, अन्जली के साथ अपनी कक्षा के दिनों में एक अजीब सा रिश्ता बनाता है, पर टीना के आगमन से उसका दिल उधार बदलता है। टीना का सच्चा प्यार अनजली में होता है, लेकिन उसका इज़हार होता ही राहुल और टीना की शादी के बाद होता है। टीना की मौत के बाद, राहुल और अनजली को एक दूसरे के प्यार का अहसास होता है, और वे अपनी जीवन की दूसरी शुरुआत के लिए तैयार होते हैं।
गब्बर सिंह और ठाकुर की कहानी, जिसमें दोस्ती, बदला और क्रिया का मिश्रण है। रमेश सिप्पी के निर्देशन में, यह फिल्म बॉलीवुड का समय का शानदार श्रृंगार है।
शोले मूवी की मुख्य भूमिका
“शोले” एक भारतीय सिनेमा की अद्वितीय कहानी है जो व्यापक रूप से प्रशंसा प्राप्त करने वाली है। यह रामगढ़ कस्तूरबा नामक एक छोटे से गाँव के चार योद्धाओं – वीरु (धर्मेंद्र) और जय (अमिताभ बच्चन) की कहानी है।
गाँव के लोगों को शोले नामक एक गाँववाले ने आक्रमण कर लिया है और उनकी स्वतंत्रता छीन ली है। योद्धाओं की साहसपूर्ण कहानी ने इस सिनेमा को एक अद्वितीय रूप से यादगार बना दिया है।
गाँव के सरकारी अधिकारी के नाम गब्बर सिंह (अमजद खान) हैं, जो अत्यंत दमनकारी और निर्दयी हैं। जब वीरु और जय को इस स्थिति से निकलने का मौका मिलता है, वे गाँव वालों को संगठित करके गब्बर सिंह के खिलाफ उत्साहित होते हैं।
इस सफलता के लिए, वीरु और जय ने एक विशेष टीम को बनाया है, जिसमें बसंती (हेमा मालिनी) और वीरु की मासूम साथी राधा (जया बच्चन) भी शामिल हैं। यह टीम एक अद्वितीय योजना बनाती है जो गब्बर सिंह को पराजित करने के लिए तैयार होती है।
कहानी में तेज़ दारु पीने वाले गब्बर सिंह, वीरु और जय की ताकत को समझकर उनके खिलाफ नीति बनाता है, जिससे उसका अंत अनिवार्य होता है। इस साहसपूर्ण संघर्ष के बावजूद, फिल्म का समापन एक दर्दनाक होता है जो दर्शकों के दिलों को छू जाता है।
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